Monday, July 20, 2009

Wish the world was a stage
someone directed the play,
and I, just a mere actor,
a puppet in someone's hand.
गले में अटका सूखा कौर,
पानी से गुटकना ही पड़ा...
पेट पकड़े भाग रहा हूँ ,
पर ये
कमबख्त कौर,
हर वक्त ग़लत समय, ग़लत जगह
उचककर बाहर आ जाता है।
लोग यह ना समझें मैं बीमार हूँ ,
मुझे दुआ न दें।

Thursday, July 16, 2009

शैतान मरता ज़रूर है ,

पर इश्वर को धैर्य पर गुरूर है।

चहकते हैं लड़के जब महकती हैं लड़कियां,
बहकते हैं लड़के जब दहकती हैं लड़कियां।

Saturday, August 2, 2008

दोस्ती

एक पंखुडी ज़मीं पर गिरी,
तुमने उसे उठाया और किताब के पन्नों में दबाया
क्योंकि तुम्हे वो पसंद आई

पर क्या फूल को उसकी पंखुडी पसंद नहीं...
क्या तुम उसे फूल में वापस जाकर लगा सकते हो ?
नहीं ना...
पर तब तुम्हे फूल पसंद आ जाता,
तुम उसके गिरने का इंतज़ार करते
वो बूढा होकर गिरता,
पंखुडी भी किताब में सूख जाती

एक काम करो...
उसे ले जाओ और फूल के पास रख दो,
दोनों गहरे दोस्त हैं,
साथ में बूढे हो जाएँगे