Saturday, August 2, 2008

दोस्ती

एक पंखुडी ज़मीं पर गिरी,
तुमने उसे उठाया और किताब के पन्नों में दबाया
क्योंकि तुम्हे वो पसंद आई

पर क्या फूल को उसकी पंखुडी पसंद नहीं...
क्या तुम उसे फूल में वापस जाकर लगा सकते हो ?
नहीं ना...
पर तब तुम्हे फूल पसंद आ जाता,
तुम उसके गिरने का इंतज़ार करते
वो बूढा होकर गिरता,
पंखुडी भी किताब में सूख जाती

एक काम करो...
उसे ले जाओ और फूल के पास रख दो,
दोनों गहरे दोस्त हैं,
साथ में बूढे हो जाएँगे

1 comment:

Rizvi said...

Acchha idea hai.. trip maar ke aya kya